गुलदस्ता अंक -४
मेरी एक नयी श्रृंखला ! मेरी कवितायेँ – मेरी आवाज़ में ! कुछ नयी कुछ पुरानी कवितायेँ ! नए पुराने से कोई कोई अंतर नहीं पड़ता ; क्योंकि जिंदगी में घटने वाली बातें कभी पुरानी नहीं होती। मेरी कवितायेँ जीवन का ही शब्द रूप है।