भारत के इतिहास के अधूरे पन्ने; अंक -४ : घर वापसी या शुद्धिकरण
हिन्दू समाज की आतंरिक नीतियों से हिन्दू समाज सिकुड़ता चला जाता , अगर स्वामी श्रद्धानन्द ने अपने प्राणों की आहुति नहीं दी होती , हिन्दू समाज को बचाने के लिए ! सबसे बड़ा दुर्भाग्य था , की आर्य समाज और कांग्रेस के इतने बड़े बलिदानी की हत्या अब्दुल रशीद नाम के एक कट्टरपंथी मुस्लमान ने कर दी ; ऐसे बलिदान पर हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने उसकी निंदा करने की जगह उसे अपना भाई बताया। लेकिन इतिहास कभी छुपता नहीं।