भारत में प्रचलित कुरीतियों में एक बहुत बड़ी कुरीति है – मृतक भोज। किसी परिवार में जब कोई मृत्यु हो जाती है , तो इस दुःख के अवसर पर भी शोक संतप्त परिवार को ब्राह्मणों तथा गाँव के अन्य गण मान्य लोगों को विशेष भोजन करवाना पड़ता है। इस कुप्रथा के सबसे बड़े शिकार हैं गाँवों के गरीब किसान। इसका विरोध किया अपने जीवन काल में मेरे दादाजी स्व। लालमन जी आर्य ने। उनका लिखा ये गीत व्यक्ति को अंदर तक झकझोर डालता है।